Tuesday, 11 June 2024

वहां कौन है तेरा : एक विवेचना !

 


 

वहाँ कौन है तेरामुसाफ़िरजायेगा कहाँ

दम लेले घड़ी भरये छैयांपायेगा कहाँ

वहां कौन है तेरा ...

बीत गये दिनप्यार के पलछिन सपना बनी वो रातें

भूल गये वोतू भी भुला दे प्यार की वो मुलाक़ातें

सब दूर अन्धेरामुसाफ़िर जायेगा कहाँ ...

कोइ भी तेरीराह  देखे  नैन बिछाये ना कोई

दर्द से तेरेकोई  तड़पा  आँख किसी की ना रोयी

कहे किसको तू मेरामुसाफ़िर जायेगा कहाँ ...

तूने तो सबको राह बताई , तू अपनी मंज़िल क्यों भूला

सुलझाके राजा औरों की उलझन , क्यों कच्चे धागों में झूला

क्यों नाचे सपेरा मुसाफ़िर, जाएगा कहाँ

कहते हैं ज्ञानीदुनिया है फ़ानी पानी पे लिखी लिखायी

है सबकी देखीहै सबकी जानी , हाथ किसीके  आयी

कुछ तेरा ना मेरामुसाफ़िर जायेगा कहाँ ...

 

"क्यों नाचे सपेरागीत मेंकवि एक ऐसे व्यक्ति का चित्रण करता है जो पहले दूसरों को नचाता थालेकिन अब वह स्वयं नाचने को मजबूर है। यह गीत जीवन की अनिश्चितताक्षणभंगुरता और व्यक्तिगत पतन की कहानी कहता है।

गीत मेंसपेरा एक ऐसे व्यक्ति का प्रतीक है जो पहले अपने कौशल और प्रतिभा के कारण दूसरों को प्रभावित करता था। लेकिन समय के साथउसका अहंकार बढ़ गया और वह स्वयं को सर्वोच्च मानने लगा। धीरे-धीरेसपेरे का जादू टूटने लगता है और लोग उसकी तरफ आकर्षित नहीं होते। जब लोग उससे दूर हो जाते हैंतो सपेरा अकेलापन और निराशा का अनुभव करता है। अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा और सम्मान को पाने के लिएवह स्वयं को विनाशकारी रास्ते पर ले जाता है।

गीत जीवन के चक्र को दर्शाता हैजहाँ व्यक्ति ऊंचाईयों से गिरता है और फिर धीरे-धीरे नीचे आता है।

कवि इस गीत के माध्यम से लोगों को सचेत करना चाहता है कि अहंकार और घमंड का परिणाम विनाशकारी हो सकता है। कवि लोगों को प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन का आत्म-अवलोकन करें और अपनी कमियों को पहचानें। कवि नैतिकता और अच्छे मूल्यों के महत्व पर बल देता है।

"क्यों नाचे सपेरागीत एक मार्मिक और विचारोत्तेजक रचना है जो जीवन की सच्चाइयों को उजागर करती है। यह गीत हमें सिखाता है कि हमें अहंकार से दूर रहना चाहिएनैतिक मूल्यों का पालन करना चाहिएऔर जीवन के हर पल का आनंद लेना चाहिए।

"क्यों नाचे सपेरागीत जीवनमृत्युप्रेमपीड़ाऔर अस्तित्व के रहस्यों पर एक गूढ़ और विचारोत्तेजक रचना है। गीत में प्रतीकात्मकतारहस्यविरोधाभासऔर अस्तित्ववाद का प्रयोग करकेयह पाठक को जीवन के गहरे प्रश्नों पर विचार करने और अपनी व्याख्या बनाने के लिए प्रेरित करता है.


वहां कौन है तेरा : एक विवेचना !

    वहाँ   कौन   है   तेरा ,  मुसाफ़िर ,  जायेगा   कहाँ दम   लेले   घड़ी   भर ,  ये   छैयां ,  पायेगा   कहाँ वहां   कौन   है   तेरा  ... बीत  ...